🚩🚩गुरु पूर्णिमा महत्व🚩🚩
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गुरु आपके उपकार का,
कैसे चुकाऊ मैं मोल
लाख कीमती धन भला..
गुरु हैं मेरा अनमोल
सनातन धर्म में गुरु पूर्णिमा के दिन वेदों के रचयिता वेदव्यास जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था। इसलिए गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। महर्षि वेदव्यास को जगत का प्रथम गुरु माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, महर्षि वेदव्यास भगवान विष्णुजी के रूप हैं। वेदों में गुरु को ब्रह्मा, विष्णु और महेश का स्वरूप बताया गया है। गुरु के साथ ही माता-पिता को भी गुरु के तुल्य मानकर उनसे सीख लेना चाहिए और उनका सम्मान करना चाहिए। मान्यता है कि गुरु के आशीर्वाद से जीवन को खुशहाल और सफल बनाया जा सकता है। गुरु पूर्णिमा गुरु और शिष्य के पवित्र संबंध का प्रतीक है। इस दिन शिष्य को अपने गुरु के प्रति अभार व्यक्त करना चाहिए।
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इस विशेष पर्व पर गुरुओं के प्रति सम्मान प्रकट करते है।
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सर्व प्रथम माता गुरु
फिर संपूर्ण सृष्टी गुरु
सभी गुरुतुल्य महानुभवों को गूरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं
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