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लेखक की तस्वीरVed Anandam

गणतंत्र दिवस का अमृत महोत्सव

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गणतन्त्र दिवस

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२६जनवरी/ गणतन्त्र दिवस

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आज देश ७५ वाँ गणतन्त्र दिवस मना रहा है,और गणतन्त्र दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भारत गणतन्त्र देश बना था. गणतन्त्र दिवस के दिन भारत का संविधान लागू हुआ था. जबकि स्वतंत्रता दिवस के दिन भारत को अंग्रेज़ों की लम्बी गुलामी से मुक्ति मिली थी।

इसलिए हर वर्ष १५ अगस्त को स्वतन्त्रता दिवस और २६ जनवरी को गणतन्त्र दिवस मनाया जाता है।

भारत के स्वतंत्र हो जाने के पश्चात् संविधान सभा की घोषणा हुई और इसने अपना कार्य ०९ दिसम्बर १९४७ से आरम्भ कर दिया. संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे. डॉ० राजेन्द्र प्रसाद सरदार बल्लभ भाई पटेल आम्बेडकर, जवाहरलाल नेहरू, डॉ . आम्बेडकर ,मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस संविधान सभा के प्रमुख सदस्य थे।

संविधान निर्माण में कुल २२ समितीयाँ थी जिसमें प्रारूप समिति (ड्राफ्टींग कमेटी) सबसे प्रमुख एवं महत्त्वपूर्ण समिति थी और इस समिति का कार्य संपूर्ण संविधान लिखना या निर्माण करना था. प्रारूप समिति पर बतौर कानून मंत्री डॉ० आंबेडकर के पास जब हस्ताक्षर हेतु भेजा गया था तो डा आम्बेडकर ने प्रारुप पर हस्ताक्षर करने से यह कहकर तीन बार वापस कर दिया था कि जबतक इस संविधान में आरक्षण का प्रावधान नही किया जाएगा तबतक मै इस प्रारुप पर हस्ताक्षर नही करुंगा उस समय सरदार पटेल ने कहा था कि अगर संविधान में आरक्षण का प्रावधान किया गया तो आने वाले समय में देश की स्थिति बडी ही भयावह हो जाएगी। तब उस पर डाॅ. आम्बेडकर ने कहा कि केवल और केवल दस वर्ष के लिए ही आरक्षण का प्रावधान किया जाए और दस वर्ष के बाद आरक्षण स्वतः ही समाप्त हो जाएगा तो फिर केवल और केवल दस वर्ष हेतु आरक्षण का प्रावधान किया गया तब जाकर डाॅ. आम्बेडकर ने संविधान प्रारुप पर हस्ताक्षर किए थे, तब फिर डाॅ. आम्बेडकर संविधान के निर्माता कैसे हुए? उसके बाद सरकारे आती गई और दस-दस वर्ष के लिए आरक्षण बढाती गई जो आज भी बस्तुर जारी है, फिर संविधान प्रारूप समिति के अध्यक्ष डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद जी और उसमें विशेष रूप से सरदार पटेल और अन्य लोगो ने मिलकर ०२ वर्ष, ११ माह, १८ दिन में भारतीय संविधान का निर्माण किया और तब संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को २६ नवम्बर १९४९ को भारत का संविधान सौंप दिया था, इसलिए २६ नवंबर दिवस को भारत में संविधान दिवस के रूप में प्रति वर्ष मनाया जाता है। डाॅ. अम्बेडकर कभी भी संविधान निर्माता नही रहे।

संविधान सभा ने संविधान निर्माण के समय कुल ११४ दिन बैठक की. इसकी बैठकों में प्रेस और जनता को भाग लेने की स्वतन्त्रता थी। अनेक सुधारों और बदलावों के पश्चात् सभा के ३०८ सदस्यों ने २४ जनवरी १९५० को संविधान की दो हस्तलिखित कॉपियों पर हस्ताक्षर किये।इसके दो दिन पश्चात् संविधान २६ जनवरी को यह देश भर में लागू हो गया।

२६ जनवरी का महत्व बनाए रखने के लिए इसी दिन संविधान निर्मात्री सभा (कांस्टीट्यूएंट असेंबली) द्वारा स्वीकृत संविधान में भारत के गणतंत्र स्वरूप को मान्यता प्रदान की गई. जैसा कि आप सभी जानते है कि १५ अगस्त १९४७ को अपना देश हजारों देशभक्तों के बलिदान के पश्चात् अंग्रेजों की गुलामी (अंग्रेजों के शासन) से मुक्त हुआ था. इसके पश्चात् २६ जनवरी १९५० को अपने देश में भारतीय शासन और कानून व्यवस्था लागू हुई।

इस स्वतन्त्रता को पाने में अपने देश की हजारों-हजारों माताओं की गोद सूनी हो गई थी, हजारों बहनों बेटियों के माँग का सिंदूर मिट गया था, तब कहीं इस महान बलिदान के पश्चात् देश स्वतंत्र हो सका था।

पहले हमने लाखों का बलिदान देकर स्वतन्त्रता पाई है लेकिन अब भारत को पुनः परमवैभव की ओर ले जाने के लिए हमें देश के गद्दारों को पहचान कर सावधान होना होगा तथा देश के लिए जीना होगा और अपना योगदान देना होगा।

आप सभी को इस पावन पवित्र गणतन्त्र दिवस की कोटि-कोटि हार्दिक शुभकामनाएं

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वेद आनंदम् परिवार

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